उत्तराखंड, 30 अप्रैल: अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर आज से चारधाम यात्रा 2025 की विधिवत शुरुआत हो गई है। मंगलवार को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री में मां गंगा की विशेष पूजा-अर्चना कर यात्रा का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से गंगोत्री धाम में प्रथम पूजा संपन्न हुई। कपाट खुलते ही धाम "हर हर गंगे" के जयघोष से गूंज उठा। गंगोत्री मंदिर को करीब 15 कुंटल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था।
चारधाम यात्रा का महत्व और समयसीमा
उत्तराखंड के चारधाम – यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ – न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था की भी रीढ़ माने जाते हैं। हर वर्ष यह यात्रा सिर्फ छह महीने के लिए (अप्रैल/मई से अक्टूबर/नवंबर) तक चलती है।
परंपरा के अनुसार, यात्रा दक्षिणावर्त क्रम में यमुनोत्री से शुरू होकर बद्रीनाथ पर समाप्त होती है।
इस बार:
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केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खुलेंगे
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बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे
यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं चाक-चौबंद
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं:
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केदारनाथ मार्ग पर 5000 और यमुनोत्री मार्ग पर 3700 से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण किया गया है।
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पशुपालन विभाग ने सभी जानवरों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें फिटनेस प्रमाणपत्र जारी किए हैं।
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पैदल यात्रियों के लिए पशु चिकित्सालय, डॉक्टर, पैरावेट स्टाफ और गर्म पानी की व्यवस्था भी की गई है।
सुविधाएं और टेक्नोलॉजी का समावेश
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स्मार्ट टॉयलेट कॉम्प्लेक्स, मल्टीस्टोरी और सर्फेस पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
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यात्रा मार्ग पर प्रीपेड काउंटर, QR कोड लिंक (https://chardhamyatra.svinfotechsoftwaresolutions.com) के जरिए 14 भाषाओं में जानकारी उपलब्ध है।
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अब तक 22 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से पंजीकरण करा चुके हैं।
हेल्पलाइन और सहायता केंद्र
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हेल्पलाइन नंबर: 9897846203, 0135-2714484
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कुल 12 हेल्प डेस्क यात्रा मार्गों पर सक्रिय हैं।
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