भोपाल, 03 जनवरी: भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए पीथमपुर ले जाया जाना प्रस्तावित है। लेकिन पीथमपुर की जनता इसका कड़ा विरोध कर रही है। विरोध प्रदर्शन के दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि दो प्रदर्शनकारियों ने आत्मदाह का प्रयास किया। दोनों को गंभीर हालत में चोइथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मुद्दे पर जनता को आश्वस्त करते हुए कहा है कि, हमारी सरकार कभी ऐसा कदम नहीं उठाएगी जिससे नागरिकों को परेशानी हो। सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत, पीथमपुर की निर्दिष्ट फैक्ट्री कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए उपयुक्त पाई गई है। मैं जनता से अपील करता हूं कि अफवाहों से दूर रहें। सरकार वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में ही इस कचरे का प्रबंधन करेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का हर कदम जनता के हित को ध्यान में रखकर उठाया जाएगा और किसी के जीवन को खतरे में डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
धार के जिलाधिकारी प्रियंक मिश्रा ने जनता से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि, प्रशासन आपकी चिंताओं को समझता है और आपकी समस्याओं के समाधान के लिए तत्पर है। कचरे के निष्पादन से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी जनता को दी जाएगी।
धार के एसपी मनोज कुमार सिंह ने भी शांति बनाए रखने और प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रशासन जनता के साथ संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का हल निकालेगा।
फोटो क्रेडिट: म. प्र. जनसंपर्क विभाग
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