"मनुष्य का अस्तित्व मातृशक्ति से है, और अब हर बेटी को मिलेगी उड़ान" - ज्योतिरादित्य सिंधिया
गुना के डाक विभाग द्वारा आयोजित पासबुक वितरण कार्यक्रम में शामिल होकर सिंधिया ने इन बालिकाओं के अभिभावकों को पासबुक सौंपी। इसके साथ ही उन्होंने यह ऐलान किया कि 1 मई 2025 से 1 मई 2026 तक गुना, शिवपुरी और अशोकनगर में जन्म लेने वाली हर नवजात बच्ची का खाता वे अपने निजी पैसों से खुलवाएंगे।
सुकन्या योजना के आंकड़े - एक नज़र में:
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देशभर में खुले खाते: 3.6 करोड़
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जमा कुल राशि: ₹2 लाख करोड़
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गुना क्षेत्र में अब तक: 30,000 से अधिक खाते
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इस पहल के तहत: 886 बालिकाओं को शुरुआती लाभ
सवाल उठते हैं:
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क्या यह पहल एक स्थायी मॉडल बन पाएगी या सिर्फ एक राजनीतिक प्रतीक बनकर रह जाएगी?
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निजी पैसे से खाता खोलने की घोषणा सराहनीय है, लेकिन यह कितना व्यावहारिक और लंबी अवधि तक टिकाऊ रहेगा?
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अन्य सांसदों और नेताओं को क्या इससे प्रेरणा लेनी चाहिए?
"सशक्तिकरण का बीज अब वटवृक्ष बन गया है" - सिंधिया
अपने संबोधन में सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई सुकन्या योजना को नारी सशक्तिकरण का मजबूत आधार बताया। उन्होंने कहा कि इस योजना ने अब बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत ढांचा दिया है।
उन्होंने यह भी कहा, “मैंने यह फैसला इसलिए लिया कि इन बच्चियों को भविष्य में उड़ान मिल सके, ताकि वे केवल सपने न देखें, उन्हें जी भी सकें।”
"मेरी आजी अम्मा नारी शक्ति की मिसाल थीं"
सिंधिया ने अपने निजी जीवन का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई स्कूल और संस्थान शुरू किए थे।
उन्होंने कहा, 'जो हाथ पालना झुला सकते हैं, वही दुनिया को चला सकते हैं - यह मेरी आजी अम्मा का दर्शन था।
मध्यप्रदेश बना महिला सशक्तिकरण का नया केंद्र?
सिंधिया ने दावा किया कि पिछले 15 वर्षों में मध्यप्रदेश सरकार ने बालिकाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं:
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10वीं में पास बेटियों को लैपटॉप योजना
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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
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लाडली बहना योजना – ₹1250 मासिक सहायता


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