Skip to main content

Posts

भूकंप के झटकों से कांपा काठमांडू, तिब्बत में 53 की मौत

नई दिल्ली, 07 जनवरी:  आज सुबह 6:50 बजे काठमांडू घाटी और आसपास के इलाकों में जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र नेपाल के लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में तिब्बत के डिंग्ग्ये काउंटी में था। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, तिब्बत में भूकंप से अब तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है और 62 लोग घायल हुए हैं। यह भूकंप सुबह 9:05 बजे डिंग्री काउंटी में आया, जिसकी तीव्रता 6.8 थी। भूकंप के झटके काठमांडू घाटी और आसपास के इलाकों में भी महसूस किए गए। डर के कारण लोग घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में जमा हो गए। अब तक किसी भी प्रकार की हानि की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षा के सभी उपाय अपनाने की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि हाल के दिनों में नेपाल में लगातार भूकंप आ रहे हैं, इसलिए सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है।

गुजरात में HMP वायरस का पहला मामला, 2 महीने का शिशु संक्रमित

  अमदाबाद, 07 जनवरी: अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में राजस्थान के रहने वाले 2 महीने के शिशु में एचएमपीवी वायरस का संक्रमण पाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है कि शिशु की स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन उसे सख्त आइसोलेशन में रखा गया है। एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से खांसी, गले में खराश, बुखार और सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से फैलता है। इसके लक्षण आमतौर पर 3 से 5 दिनों में दिखाई देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों को अधिक प्रभावित कर सकता है। इससे पहले कर्नाटक में भी इस वायरस का मामला सामने आया था। स्वास्थ्य विभाग सभी को सतर्क रहने और संक्रमण से बचने के लिए सावधानियां बरतने की सलाह दे रहा है।

भारत में HMPV वायरस के तीन मामले सामने आए, स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क

  नई दिल्ली, 06 जनवरी: भारत में HMPV वायरस के तीन मामलों की पुष्टि हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में दो बच्चों में इस वायरस का संक्रमण पाया है। इनमें से एक बच्ची तीन महीने की है और दूसरा बच्चा आठ महीने का है। तीन महीने की बच्ची को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि आठ महीने के बच्चे का इलाज जारी है। गुजरात में भी एक मामले की पुष्टि हुई है, लेकिन बच्चों और उनके परिवारों का कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोगों से घबराने की आवश्यकता नहीं बताई और कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। HMPV वायरस मुख्यतः खांसी, गले में खराश, बुखार और सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से फैलता है और इसके लक्षण 3 से 5 दिनों में दिखाई देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इस वायरस के मामले में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है और इस पर नजर रखी जा रही है। ...

माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात

  नई दिल्ली, 06 जनवरी: माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में माइक्रोसॉफ्ट के विस्तार और निवेश योजनाओं पर खुशी जाहिर की। दोनों ने बैठक के दौरान तकनीक, नवाचार और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। सत्या नडेला द्वारा बैठक पर किए गए एक सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, आपसे मिलकर खुशी हुई, भारत में माइक्रोसॉफ्ट के विस्तार और निवेश योजनाओं के बारे में जानकर अच्छा लगा। हमारी बैठक में तकनीक, नवाचार और एआई पर चर्चा करना भी बहुत अच्छा रहा।

भ्रांतियों के कारण उठा विवाद, सरकार ने हाईकोर्ट से मांगा समय

  जबलपुर (मध्य प्रदेश), 06 जनवरी: यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के सुरक्षित निष्पादन को लेकर उठे विवादों पर मध्य प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर फैली भ्रांतियां विवाद का मुख्य कारण हैं। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए सरकार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है। महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार इस अवधि में जनता के बीच जाकर गलतफहमियां दूर करने का प्रयास करेगी, ताकि हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुरक्षित निष्पादन प्रक्रिया पर अगर किसी को कोई आपत्ति हो तो वह सरकार के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराए। सरकार इन आपत्तियों पर उचित निर्णय लेगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में फेक न्यूज़ फैलाने पर सख्त चेतावनी भी दी है। महाधिवक्ता ने कहा कि सरकार जनता के हित और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी कदम उठाएगी।

भारत का मेट्रो नेटवर्क 1000 किमी के पार

नई दिल्ली, 05 जनवरी: भारत में मेट्रो नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है और अब यह 1000 किलोमीटर के आंकड़े को पार कर चुका है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले इस देश में मेट्रो रेल नेटवर्क तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है, जो चीन और अमेरिका के बाद सबसे बड़ा है। दिल्ली मेट्रो की शुरुआत 2002 में हुई थी, जबकि भारत की पहली मेट्रो 1984 में कोलकाता में चली थी। 2014 में देश में मेट्रो नेटवर्क केवल 248 किलोमीटर था और यह सिर्फ 5 राज्यों के 5 शहरों तक सीमित था। लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से मेट्रो नेटवर्क में चार गुना वृद्धि हुई है। आज मेट्रो और नमो भारत नेटवर्क 23 शहरों में फैला हुआ है और लगभग 1000 किलोमीटर की मेट्रो रेल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। वर्तमान में मेट्रो में प्रतिदिन 1 करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं, जबकि 2014 में यह संख्या केवल 28 लाख थी। मेट्रो ट्रेनों का आवागमन भी 2014 की तुलना में 3 गुना बढ़कर अब प्रतिदिन 2.75 लाख किलोमीटर हो गया है।  भारत का मेट्रो नेटवर्क अब दुनिया के प्रमुख नेटवर्क्स में शामिल हो चुका है, और इसके विस्तार से नागरिकों को सुरक्षित...

बांग्लादेश ने भारत में 50 न्यायिक अधिकारियों की ट्रेनिंग रद्द की

  नई दिल्ली, 05 जनवरी: बांग्लादेश सरकार ने 50 न्यायिक अधिकारियों को भारत के राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल और राज्य न्यायिक अकादमी में प्रशिक्षण लेने की अनुमति देने वाली गजट को रद्द कर दिया है। बांगलादेश के कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्रालय ने रविवार को एक सर्कुलर जारी कर इस निर्णय की जानकारी दी। पहले, 30 दिसंबर को जारी गजट में 50 न्यायिक अधिकारियों को 10 से 20 फरवरी, 2025 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी गई थी। लेकिन अब यह गजट बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर रद्द कर दिया गया है। पूर्व में जारी नोटिफिकेशन में यह उल्लेख किया गया था कि भारतीय सरकार इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सभी खर्चों को वहन करेगी। यह कार्यक्रम 2017 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान हुए द्विपक्षीय समझौते का हिस्सा था, जिसके तहत बांग्लादेश के न्यायिक अधिकारियों की क्षमता और विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए भारत में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाने थे।